Rose shayari hindi

अगर कुछ बनना है तो गुलाब के फुल बनो

कियोंकी ये फुल उसके हाथ पर भी खुशबु छोड़ देते हैं

जो इसे मसल कर फेंक देता है

प्यार की तड़प शायरी

तू उगती हुई वो कली है ये भवरे को तेरा इंतजार है, तेरे होंठों को चूसने को ये भवरा बेकरार है, तेरे सिने से ऐसे लिपट जाऊं जैसे पतंगे की प्यास है, भुझादे आकर तपश मेरी ये मछली पानी बिन उदास है |

खिले हुये गुलाब की वो पंखडी हो तुम तुझे छूने को दिल चाहता है, कैसे तोडूं तुझे गुल्श्न्नुमा गुलदस्ते से कियोकी तेरी खुशबु से मदहोश हो जाता है तन बदन मेरा हर वक्त तेरा खियाल रहता है

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