Hindi shayari part 8

जुबाँ पर जिक्र नही आता उनका तो क्या हुआ…!
आज भी उन्ही की हुकूमत मेरी हर एक सांस पर है…

नींद भी नीलाम हो जाती है बाज़ार-ए-इश्क में,
किसी को भूल कर सो जाना, आसान नहीं होता।

या दिल्लगी या यूं ही मन भरमाया है, याद करोगे तुम भी कगी किस्से दिल लगाया है

खुशबू कैसे ना आये मेरी बातों से यारों,
मैंने बरसों से एक ही फूल से मोहब्बत की है.
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लड़की ढूंढनी होती तो कबकी ढूँढ लेते….
हम तो बादशाह है रानी ही ढूंढेग!.
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इस दुनिया मे कोई किसी का हमदर्द नहीं होता…
लोग ज़नाजे के साथ भी होते हैं
तो सिर्फ अपनी हाजिरी गिनवाने के लिए ….
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बड़ी बे-वक़्त आती है आपकी याद , इठलाती हुई ……
एक वक़्त इसका भी , मुक़र्रर कर दीजिये आप ……!!
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जब अल्फ़ाज़ पन्नों पे शोर करने लगें…
समझ लेना सन्नाटे बढ़ गये हैं दिल मे!
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कोई चाहत की बात करता है
तो कोई चाहने की…
हम दोनोँ आज़मा के बैठे हैँ..
ना चाहत मिली..
ना तो चाहने वाले.!!
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पत्थर की मूरत को लगते हैं छप्पन भोग, दो रोटी के वास्ते मर जाते हैं लोग…
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अजीब सी आदत और गजब की फितरत है मेरी..
मुहब्बत हो या नफरत बहुत शिद्दत से करता हूँ…
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ऐ समन्दर.
मैं तुझसे वाकिफ हूँ मगर इतना बताता हूँ,
वो आंखें तुझसे ज़्यादा गहरी हैं जिनका मैं आशिक हूँ…
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शायरी से ज्यादा प्यार मुझे कहीं नही मिला..
ये सिर्फ वही बोलती है, जो मेरा दिल कहता है…
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कह दो अपने दांतों को, क़ि हद में रहें,
तेरे लबों पे बस मेरे लबों का हक़ है…
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मैं इस काबिल तो नही कि मुझे कोई अपना समझे,
पर इतना तो यकीन है,
कोई अफसोस जरूर करेगा मुझे खो देने के बाद ।।
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आसान नहीं उस शख्स को समझना,
जो जानता सब कुछ हो पर खामोश रहे हर वक़्त…
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चेहरे की हंसी से ग़म को भुला दो,
कम बोलो पर सब कुछ बता दो.
खुद ना रुठों पर सब को हँसा दो,
यही राज है ज़िंदगी का, कि जियो और जीना सिखा दो…..
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कोई अपना हमसे जब भी रूठ जाता है,
ऐसा लगता साथ रब का छूट जाता है.
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जानते हो मुहब्बत किसे कहते है..?
किसी को सोचना,
फ़िर मुस्कुराना और फ़िर आँसू बहाते हुए सो जाना…!!
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दुनिया बेताब है खूबसूरत चेहरों के लिये,
मगर हमको आज भी तलाश खूबसूरत दिल की है..!
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सोचने वालों की दुनिया…
दुनिया वालों की सोच से अलग होती है…
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तुम्हारी निगाहें बोलती बहुत हैं,
आँखों पर अपनी पलकें गिरा दो।
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ना बादशाह हुं मै दिलों का , ना शायर हुँ मे अल्फ़ाज़ों का
बस जुबान साथ देती है , मै बाते दिल से करता हूँ…
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बड़े खुदगर्ज होते हैं
ये गुब्बारे
चंद सांसो में फूल जाते हैं
.
थोड़ी सी ऊंचाई पर जाकर अपनी
औकात भूल जाते हैं …
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मेरी शराफत को तुम बुज़दिली का नाम न दो ,.,.,
दबे न जब तक घोडा ,बन्दूक भी खिलौना ही होती है…
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ना रोक कलम मुझे दर्द लिखने दे,
आज तो दर्द रोयेगा या दर्द देने वाला..!!
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हमने वफाओ की दुहाई देकर कहाँ ज़िंदगी हो आप
हमारी….
और वो मुस्कुरा कर बोले ज़िंदगी का कोई
“भरोसा” नहीं होता….
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छोटा बनके रहेगा तो मिलेगी हर बड़ी रहमत…
बड़ा होने पर तो माँ भी गोद से उतार देती है…
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वो जान गयी थी हमें दर्द में मुस्कराने की आदत हैं,
वो रोज नया जख्म देती थी मेरी ख़ुशी के लिए…
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जिनकी शायरी में होती हैं सिसकियाँ अक्सर,
वो शायर नहीं किसी बेवफा के दीवाने होते है …
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तुम “कई” बार मिल चुके होते ..
तुम जो मिलते अगर दुआओं से ..
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मेरे व्यक्तित्व और मेरे व्यवहार को कभी मत मिलाईयेगा..
क्योंकि मेरा व्यक्तिव मै हूँ और मेरा व्यवहार आप पर निर्भर करता है…
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सब छोड रहे हैं मुझे अपना बनाकर,
ऐ जिंदगी तुझे भी इजाजत है…..
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तुम आये तो लगा हर खुशी आ गई,
यू लगा जैसे ज़िन्दगी आ गई…
था जिस घड़ी का मुझे कब से इंतज़ार
अचानक वो मेरे करीब आ गई …
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मेरे दिल से तुम्हारेँ दिये हुये हर दर्द मिट जाते है,
जब तुम मुस्कुरा के पूछती हो “नाराज हो क्या ..!!! ”
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तुम शराफ़त को बाज़ार में क्यूँ ले आए हो…
दोस्त
ये सिक्का तो बरसों से नहीं चलता…!!
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मैंने तो देखा था बस एक नजर के खातिर….
क्या खबर थी की रग रग मे समां जाओगे तुम….
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“परख अगर हीरे की करनी है
तो कभी अंधेँरे मे मिलो,,,ऐ_दोस्त,,.,,,
……वरना धुप मे तो काँच के टुकडे
भी चमकते है……”
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सांप बेरोजगार हो गये, अब आदमी काटने लगे..
कुत्ते क्या करे? तलवे, अब आदमी चाटने लगे..!!
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डर मुझे भी लगा फासला देखकर,
पर मैं बढता गया रास्ता देखकर,
खुद बा खुद मेरे नजदीक आती गयी ,
मेरी मंजिल,मेरा होसला देखकर।।
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आँखें थी जो कह गयी सबकुछ..!!
लफ्ज़ होतें तो मुकर गए होतें…!!
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रोकने की कोशिश तो बहुत की पलकों ने….
पर इश्क मे पागल थे आंसू खुदखुशी करते रहे….
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आदत मेरी अंधेरों से डरने की डाल कर ,
एक शख्स मेरी जिंदगी को रात कर गया …….
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मेरी आधी फिक्र,आधे ग़म तो यूँही मिट जाते हैं…
जब प्यार से तू मेरा हाल पूछ लेती है!!
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अगर अब की बार आईना खरीदना हो तो जरा बड़ा खरीदना ,
मैं चाहता हूँ तुम्हें अपने अलावा दूसरी चीजें भी दिखाई दें ……
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मुझ पर तू जो सितम करता है बेवफा समझकर ,
मैं भुला देता हूँ वो सब कुछ , तुझे खुदा समझकर …….
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रोज़ सोचती हूँ भूल जाऊँ तुम्हें …,
फिर रोज़ ही ये बात भूल जाती हूँ​…!!!
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तुझसे अच्छे तो मेरे दुश्मन निकले….;
जो हर बात पर कहते हैं.. ‘तुम्हें नहीं छोड़ेंगे”
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“बहुत याद करते हो तुम भी मुझे,
ना जाने दिल से ये वहम जाता क्यों नहीं”
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अरे पगलि हस मत!!!!! पयार हो जाऐगा!!!!????
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“मै सिगरेट पीकर अपने फेफड़े जलाना ज्यादा पसंद करूँगा,
बजाय…
किसी लड़की से मोहब्बत करके अपना दिल जलाने के”
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हवस ने पक्के मकान, बना लिये हैं जिस्मों में,
मुहब्बत किराये की झोपड़ी में, बीमार पड़ी है आज भी…
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मोहब्बत भी अज़ीब खेल है..
दोस्तोँ..
जो जितना अच्छा खेलता है,
वो बाज़ी हार जाता है !!
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ज़िन्दगी से कोई दुश्मनी नहींहै मेरी…!
बस एक ज़िद हैतेरे बिना नहीं जीना..!!
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एक सवेरा था, जब हंस कर उठते थे हम,
आज कई बार बिना मुस्कुराये ही शाम हो जाती हैं !!
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कभी “खुद” से मिला मेरे मौला….
थक गया हूं गैरों से मिलते मिलते…
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जी भर गया है तो बता दो
हमें इनकार पसंद है इंतजार नहीं…..
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“देखे जो बुरे दिन तो ये बात समझ आई,
इस दौर में यारों का औकात से रिश्ता है।।।
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खुशबू कैसे ना आये मेरी बातों से यारों,
मैंने बरसों से एक ही फूल से मोहब्बत की है.
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क्या खूब होता जो यादें भी रेत होती,
मुठ्ठी से गिरा देते, पावं से उड़ा देते…
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दर्द का मेरे यकीं आप करें या न करें,
इल्तजा इतनी सी है बस दुआओं में याद रखें!
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लाख मिठाइयां चखी हो तुमने
मगर..
खुशी के आंशू का स्वाद सबसे मीठा है…
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बुरा वक्त बताकर नहीं आता…
पर सीखाकर और समझाकर बहुत कुछ जाता है..!
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Hindi shayari

 हम जुदा हुए थे फिर मिलने के लिये,
 ज़िंदगी की राहों में संग चलने के लिये,
 तेरे प्यार की कशिश दिल में बसी है कुछ ईस क़दर,
 दुआ है तेरा साथ मिले ज़रा संभलने के लिये।

मिटाना भी चाहूँ
तो भी मिटा नही सकता…!!
उसका नाम अपने दिल से…
क्यूंकि मिटाए तो वो जाते हैं
जो गलती से लिखे जाते हैं…!
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मिटाओगे कहा तक मेरी यादें, मेरी बातें…
मैं हर मोड़ पर लफ्जो की विरानी छोड़ जाउंगा….

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