गर तुम लफ्जों के बादशाह हो तो हम भी खामोशियों पर राज करतें हैं

ए नादान दिल खामोश रह तन्हां बैठ रो और याद कर उसको, तूने इश्क किया हैं गुनाह छोटा नहीं है तेरा |

जो  प्यार  के  रिश्ते  हम  बनाते  हैं ….
उन्हें लोगों से  क्यूँ  छुपाते हैं ….
अगर  होता  है  गुनाह  किसी  को प्यार करना ….
तो बचपन  से  सब  प्यार  करना  क्यूँ  सिखाते  हैं …..

**********


शायरी : कुछ अंजान शायरियां

जाने  किस  को  पसंद आ गई  मेरी  आँखों की यह नहीं,
मैं हंसना  भी  चाहूं  तो पल्खें  भीग  जाती हैं i…!!

हिन्दी शायरियां

तेरी  याद  जो  आई ,तो  आती  चली  गई .
आँखों  से  मेरे  आंसुओं  को  छलकाती  चली  गई .
जब  भी  कभी  दो  पल  फुरसत  के मिले ,
तेरी  ही  बातें  मेरे  दर्द  को  वढ़ाती चली  गई.

अपनी इस  जिन्दगी  से  “रब ” हम  खुश  है .

जिसमें हमें  आप  जैसा एक “दोस्त ” मिला  है .

हमारी  जिन्दगी  के  “गुलशन ” में  थी  पतझड़  बरसों से

आज  इस  “गुलीस्तान ” में  भी एक “हसीं ” फूल खिला है .

तेरे दीदार को अब कई बरस बीत चुके है

अब आ भी जा मेरे दिलबर अब और सेहन नहीं होता

तेरे इंतजार में कही साँसे ख़तम न होजाये

अब आ भी जा मेरे दिलबर अब तेरे बिना रहा नहीं जाता

तेरी हर ज़िद मुझे मंजूर है अब मुजको

अब तन्हाईओं का ये आलम सेहन नहीं होता

*****

LATEST ARTICLE

HEALTH

Leave a Reply

Copyright © All right reserved | Developed by Discover of Solutions