मैँ नही जानता ये महोब्बत है या कुछ और
बस तेरी मुस्कुराहट देखकर दिल को सुकून मिलता है |
मुझे आदत नहीं कहीं बहुत देर तक ठहरने की,
लेकिन,
जब से तुम मिले हो ये दिल कही और ठहरता नही |
ताबीज होते हैं कुछ शख्स ज़िंदगी में,
जिनको गले लगाते ही सुकूँ मिलता है |
मेरे सजदों में कमी तो ना थी ऐ खुदा,
क्या मुझसे भी ज्यादा किसी ने माँगा था उसे |
जिस नगर भी जाएँ, किस्से है कम्बख्त दिल के
कोई देके रो रहा है, तो कोई लेके रो रहा है |
कुछ खास नही बस इतनी सी है मुहब्बत मेरी,
हर रात का आखरी खयाल और हर सुबह की पहली सोच हो तुम |
कितनी शिद्दत से उन्हें याद करते हैं हम,
और एक वो हैं जिन्हें ये सब इत्तेफाक लगता है |