अंगूर एक बलवर्घक एवं सौन्दर्यवर्घक फल है। अंगूर फल मां के दूघ के समान पोषक है। फलों में अंगूर सर्वोत्तम माना जाता है। यह निर्बल-सबल, स्वस्थ-अस्वस्थ आदि सभी के लिए समान उपयोगी होता है। यह हर तरह से आपके लिए फायदा करता है।
अंगूर की कई तरह की प्रजातियां हैं। जैसे लंबे अंगूर, काले अंगूर, छोटे अंगूर आदि। इन्ही अंगूरों से किशमिश बनाई जाती है। अंगूर में कैलोरी, फाइबर के साथ-साथ विटामिन सी, ई और के भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसलिए अंगूर प्राकृति का एैसा फल है जिसमें हर तरह के उत्तम गुण हैं जो सेहत और उम्र को बढ़ाने में मददगार होते हैं।
*कहते हैं कि जब लगभग सभी खाने की चीजें अपथ्य हो जाएं, अर्थात खाने को मना हों तो भी अंगूर का सेवन किया जा सकता है। यानि रोगी के लिए बलवर्धक पथ्य फल है यह अंगूर।
स्वाद के अनुसार काले अंगूर(जिसे सुखाकर मुनक्का बनाया जाता है ) ,बैंगनी अंगूर ,लम्बे अंगूर ,छोटे अंगूर और बीज रहित अंगूर होते हैं जिन्हें सुखाकर किशमिश बनाई जाती है। अब इसके गुणों के बारे में चर्चा करें तो पके अंगूर शीतल, नेत्रों के लिए हितकारी, कसैले, वीर्यवर्धक,पौष्टिक एवं रुचि बढ़ाने वाले होते हैं।
जबकि कच्चे अंगूर गुणों में हीन ,भारी एवं कफ व पित्त को कम करने वाले होते हैं।
*अंगूर के ताजेफल खून को बढ़ाने एवं पतला करने वाले और छाती से सम्बंधित रोगों में भी लाभकारी होते हैं।
*डायबिटीज–
जिन लोगों को डायबिटीज है उनके लिए अंगूर सेवन करना हितकारी है। अंगूर शूगर की मात्रा को कम करता है। खून में मौजूद शूगर को नियंत्रित करने में अंगूर अहम भूमिका निभाता है।
*अंगूर खून की कमी और आयरन की कमी को दूर करता है।
*यदि सिर में दर्द हो रहा हो तो 8-10 नग मुनक्का ,10 ग्राम मिश्री और इतनी ही मात्रा में मुलेठी एवं थोड़ी मात्रा में शुद्ध जल रात भर खुले आसमान के नीचे छोड़ दें और सुबह मिलाकर पीस लें। नाक में दो बूँद टपका दें। सिरदर्द में लाभ मिलेगा। नाक से खून आना (नकसीर)में भी ऊपर लिखा फार्मूला अत्यंत लाभकारी है।
*यदि पांच से दस ग्राम मुनक्का नियमित रूप से खाई जाए तो मुख की दुर्गन्ध में लाभ मिलता है।
*आठ से दस नग मुनक्का और हरीतकी का काढ़ा लगभग20 मिली की मात्रा में शहद के साथ मिलाकर खाने सेदमा रोग में भी लाभ मिलता है।
माइग्रेन-
जिन लोगों को माइग्रेन की समस्या है वे सुबह उठकर अंगूर का रस पीयें। एैसा कुछ दिनों तक करने से माइग्रेन की समस्या से निजात मिल सकता है।
*घी ,मुनक्का,खजूर ,पिप्पली एवं कालीमिर्च, इन सब को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर एक चटनी सी बनाकर नित्य सेवन करने से सुखी खांसी और क्षयरोग में लाभ मिलता है।
* एक एंटासिड बनाना बताते हैं :मुनक्का एवं हरड़ बराबर मात्रा में लेकर उतनी ही मात्रा में शक्कर मिला लें। अब सबको पीसकर 1-1- ग्राम की गोली बना लें। हो गयी एंटासिड गोली तैयार। अब एक गोली सुबह-शाम ठन्डे पानी से लें और हायपरएसिडीटी की समस्या से निजात पाएं।
*आप कब्ज से हैं परेशान तो मुनक्का 6 से सात नग, भुना जीरा 5 से 10 ग्राम और सैंधा नमक 1.5 ग्राम(उच्च रक्तचाप के रोगी के लिए मात्रा चिकित्सक अनुसार ) इन सबका चूर्ण बनाकर गुनगुने पानी से लें ..देखें आपको इस समस्या से निजात मिल जाएगी।
*खूनी बवासीर के रोगी अंगूर के गुच्छों को एक बर्तन (मिट्टी का हो ) में बंद कर राख बना लें, अब मिलनेवाली भस्म को तीन से पांच ग्राम की मात्रा में मिश्री एवं घी के साथ लेने से खून आना बंद हो जाता है।
यदि पेशाब खुल कर नहीं आ रहा हो तो आठ से दस मुनक्का एवं लगभग दस ग्राम मिश्री को पीसकर दही के पानी से लेने पर यह एक अच्छा डाययूरेटिक का काम करता है।
*छाती का कैंसर हाल ही में हुए नये शोध में यह बात सामने आई है कि ब्रेस्ट कैंसर जैसी घातक बीमारी को रोकने में अंगूर सेवन एक कारगर उपाय है। साथ ही हर्ट अटैक के रोग से बचने के लिए काले अंगूर का जूस पीने से लाभ मिलता है। *काले अंगूर का रस खून के थक्कों को बनने से रोक देता है।
*अंगूर का रस पीने से दिल में हो रहे दर्द में आराम मिलता है। *दस ग्राम मुनक्का ,पाषाणभेद ,पुनर्नवा की जड़ तथा अमलतास की गुदी पांच ग्राम की मात्रा में मोटा-मोटा कुटकर आधा लीटर पानी में खुले बर्तन में उबालकर आठ भाग बचने पर छान कर बना काढ़ा पीने से पेशाब से सम्बंधित तकलीफों में फायदा पहुंचाता है।
*मुनक्का 10 नग, छुहारा 3 नग तथा मखाना तीन नग शारीरिक रूप से कमजोर रोगी नियमित 250 मिली दूध से सेवन करें और लाभ देखें।
याददास्त
*याददास्त को बढ़ाने के लिए अंगूर के रस की 2 चम्मच सुबह और 2 चम्मच शाम को पानी के साथ मिलाकर, खाना खाने के बाद लें। यह आपकी कमजोर स्मरण शक्ति को बढ़ाएगा। *अंगूर और अड़ूसे (वासा) का काढ़ा बीस से तीस मिली की मात्रा में पिलाने पर पेटदर्द दूर होता है।
सोते समय पांच से दस ग्राम किशमिश के साथ गुनगुना दूध पीएं, इससे प्रात:काल आपका पेट साफ रहेगा।
*रक्त स्त्राव–
शरीर से खून निकलने से या रक्त स्त्राव होने पर शहद के दो चम्मच एक गिलास अंगूर के जूस में मिलाकर पीएं। यह रक्त स्त्राव की वजह से हुई खून कमी को दूर करता है।
*गले की परेशानी में अंगूर के रस से गरारे कराना भी फायदेमंद होता है।
*उल्टी होने पर
उल्टी की समस्या हो या जी मिचला रहा हो ऐसे में काली मिर्च और थोड़ा सा नमक को अंगूर के रस में मिलाकर पींए।
*भोजन के आघा घंटे बाद अंगूर का रस पीने से खून बढता है और कुछ ही दिनों में पेट फूलना, बदहजमी आदि बीमारियों से छुटकारा मिलता है। अंगूर के रस की दो-तीन बूंद नाक में डालने से नकसीर बंद हो जाती है।
*गोल मुनक्का, वीर्यवर्धक,भारी गुणों से युक्त। जबकि किशमिश, शीतल, रुचिकारक और मुख के कड़वेपन को दूर करने वाली होती है।
*अंगूर के शरबत का नित्य सेवन गर्मी में लू के कारण होनेवाली परेशानियों को दूर करता है। तो है न कमाल का *अंगूर एक रसीला फल लेकिन गुणों की खान | इसका औषधीय प्रयोग चिकित्सकीय परामर्श से करें तो बेहतर है।
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Post by Dr.Dayaram Aalok
कोई भी प्रयोग करने से पहले एक बार अपने डाक्टर की सलाह जरुर लें|