Love guru – असल प्यार का एहसास उसे खोने के बाद होता है

जीवन में असल प्यार एक बहुत ही अनमोल अनुभव होता है। एक सच्चा प्यार कभी आसान नहीं होता, लेकिन यह हमेशा जीवन भर के लिए साथ बना रहता है। लेकिन, जब हम अपने प्यार को खो देते हैं, तब हमें असल प्यार का एहसास होता है। यह एक बहुत ही विचित्र अनुभव होता है जो हमें जीवन की असली मूल्यवानता को समझने के लिए मजबूर करता है।

असल प्यार का एहसास हमें वहीं मिलता है जब हम अपने प्यार को खो देते हैं। हम उस इंसान को महसूस करते हैं जो हमें खो देकर चला गया है और हम अकेले महसूस करते हैं। हम अपने प्यार की यादों से भरी हुई जगहों में उन्हें ढूंढते हैं, हम उन्हें खोजने की कोशिश करते हैं लेकिन हम उन्हें नहीं पा सकते। इस समय हमें यह एहसास होता है कि हम अपने प्यार की असली कीमत को कभी समझ नहीं पाए थे।

जब हम अपने प्यार को खो देते हैं, तब हम उनकी हर बात याद करते हैं। हम उनके साथ बिताए गए समय की यादों से भरी हुई हमारी जिंदगी के हर

अंग-अंग में उनकी याद होती है। हम अपने असली प्यार की महत्ता को समझते हुए उन्हें खोजने की कोशिश करते हैं, लेकिन हम जानते हैं कि हम उन्हें फिर से नहीं पा सकते। इस समय हमें असल प्यार का एहसास होता है कि हमने जिंदगी में कितने धन्य हुए कि हमारे जीवन में ऐसा कोई इंसान था जो हमारी जिंदगी में एक ख़ास जगह रखता था।

असल प्यार उसके बारे में सोचने से शुरू होता है, उसके लिए चिंतित होना, उसे अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाना और उसे हमेशा खुश रखने की कोशिश करना। जब हम अपने प्यार को खो देते हैं, तब हमें यह एहसास होता है कि असल प्यार का एहसास उसे खोने के बाद होता है। इस समय हमें यह भी समझ में आता है कि हमें अपने प्यार का सम्मान करना चाहिए और उनके साथ समय बिताना चाहिए। जब हमारे जीवन से वह इंसान चला जाता है, तब हमें असली मूल्यवानता का एहसास होता है।

असल प्यार का एहसास हमेशा जीवन की मूल्यवान चीज़ों के बारे में हमें संवेदनशील बनाता है। हम उन लोगों के बारे में सोचते हैं जो हमारे जीवन में ख़ास महत्व रखते हैं और हमें समझाते हैं कि हम जीवन में किसी न किसी तरह से महत्वपूर्ण होते हैं। जब हम अपने प्यार को खो देते हैं, तब हमें उसे वापस लाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। हम अपने आंसुओं को रोक नहीं पाते, हम उन लोगों को याद करते हैं जो हमारे जीवन में महत्वपूर्ण होते हैं और हम उन्हें अपनी जिंदगी में वापस लाने के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं।

असल प्यार उस इंसान के लिए होता है जो हमेशा हमारे जीवन में होता है। उसके लिए हमेशा संघर्ष करना पड़ता है और उसे हमेशा खुश रखना पड़ता है। असल प्यार एक ऐसी शक्ति होती है जो हमें एक समझदार और संवेदनशील इंसान बनाती है। हमें यह समझना चाहिए कि असल प्यार का एहसास उसे खोने के बाद होता है। इसलिए हमें हमेशा अपने प्यार का सम्मान करना चाहिए और उनके साथ समय बिताना चाहिए।

असल प्यार जीवन के लिए शुद्ध होता है। यह एक बहुत ही गंभीर वादा होता है और उसे पूरा करने के लिए हमें अपने पार्टनर के लिए सभी तरह से तैयार होना पड़ता है। असल प्यार एक आधार होता है जिस पर हम अपने रिश्ते को बनाते हैं। यह हमारे जीवन में एक सुंदर उदाहरण होता है जो हमें अच्छा इंसान बनाता है।

असल प्यार का एहसास उसे खोने के बाद होता है क्योंकि जब हम अपने पार्टनर के साथ होते हैं, तो हमें यह समझने की जरूरत नहीं होती है कि हम अपने जीवन में कितने खुश होते हैं। हम अपने जीवन को उस व्यक्ति के साथ बाँटते हैं जिसे हम प्यार करते हैं। असल प्यार एक ऐसी शक्ति होती है जो हमें एक संवेदनशील और समझदार इंसान बनाती है। हमें अपने पार्टनर को समझना चाहिए, उनकी भावनाओं का सम्मान करना चाहिए और उनके साथ हमेशा उदार होना चाहिए।

जब हम अपने पार्टनर को खो देते हैं, तो हमें यह समझने के लिए दुख होता है कि हमें उसकी जरूरत थी। हम उन लोगों के बारे में भी सोचते हैं जो हमारे जीवन में हमें बेहतर बनाते हैं। हमें यह भी समझना चाहिए कि जब हम प्यार करते हैं, तो हमें अपने आप को भी प्रगति करने का मौका देना चाहिए। एक शक्तिशाली रिश्ते में, हमें अपने आप को स्थिर और विश्वासयोग्य बनाना चाहिए जो हमें अपने पार्टनर के साथ जीवन बिताने के लिए तैयार करता है।

असल प्यार का एहसास उसे खोने के बाद हमें होता है और यह एक बहुत ही गंभीर वादा होता है। यह हमें एक संवेदनशील, समझदार और सहानुभूति भरा इंसान बनाता है। यह हमारी ज़िन्दगी का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है जो हमें एक नयी दिशा देता है। हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि असल प्यार अपने आप में एक बहुत ही शक्तिशाली ताकत होती है जो हमें अपने आप को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करती है।

समाप्ति के रूप में, असल प्यार का एहसास उसे खोने के बाद होता है। हमें अपने पार्टनर के साथ अपने रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए सभी तरह से तै

यारी करने के लिए तैयार होना चाहिए। हमें हमेशा अपने पार्टनर के लिए वहीं होना चाहिए जो हम अपने लिए चाहते हैं। असल प्यार हमें एक संवेदनशील, समझदार और सहानुभूति भरा इंसान बनाता है जो हमारी ज़िन्दगी के हर एक पल को बेहतर बनाने के लिए हमेशा तैयार रहता है।

इसलिए, जब तक आप असल प्यार का अनुभव नहीं करते हैं, तब तक आप इसकी गहराई को समझ नहीं सकते हैं। यह एक ऐसा अनुभव है जो समझाया नहीं जा सकता है, बल्कि सिर्फ महसूस किया जा सकता है। असल प्यार हमें संजोने के लिए नहीं होता है, बल्कि जीवन भर के लिए हमें एक बेहतर इंसान बनाने के लिए होता है।

इसलिए, यदि आपके पास असल प्यार है, तो आपको उसे खोने के बाद भी एक महसूस करना होगा। लेकिन उस समय पर आप अपने असल प्यार की अहमियत समझ जाएंगे। आप उसकी यादों में खोए होंगे और उसे बहुत याद करेंगे। लेकिन यह समय अब बहुत देर हो गया होगा।

असल प्यार उसके साथ एक राज जुड़ा रहता है, उसके साथ उन सभी लम्हों को याद करने के लिए जो आप एक साथ बिताए थे। इसलिए, असल प्यार का एहसास उसे खोने के बाद ही सही रूप में होता है।

आखिरी शब्द में, असल प्यार एक संवेदनशील और नाज़ुक रिश्ता होता है जो जीवन भर चलता है। इसे खोना आसान नहीं है और इसके बाद एक बड़ा खालीपन छोड़ जाता है। इसलिए हमें अपने प्यार का सम्मान करना चाहिए और उसे हमेशा अपने दिल में रखना चाहिए। इससे हमारे जीवन के रिश्तों में बेहतरी आती है और हम अपने प्यार की अहमियत को समझते हैं।

असल प्यार उसी के लिए होता है जो हमेशा हमारे साथ होता है, जो हमेशा हमारी जरूरतों को समझता है, जो हमारे साथ हमारी खुशी और दुःख दोनों में होता है। यह एक ऐसा रिश्ता होता है जो हमारे जीवन को समृद्ध करता है और हमें असली खुशी का एहसास कराता है। इससे पहले कि हम अपने प्यार को खो दें, हमें उसे समझना चाहिए और उसका सम्मान करना चाहिए।

प्रेम

प्रेम शब्द- इसके बारे में सबकी अपनी अपनी राय हो सकती हैं

प्रिय दोस्तों, मुझे उम्मीद है कि आप प्यार क्या है, के बारे में जानने के लिए सही जगह पर हैं।

मेरे प्रयास यह होगा कि आप भ्रमित न हों और आपको प्रत्यक्ष उत्तर मिल जाए।

प्रेम के रंग

प्रेम ने जिसे छू लिया वो तो मदहोश ही हो जाता है । और जो प्रेम में डूब गया वो मुक्त हो जाता है । क्या है ऐसा प्रेम में जिसका गुणगान सारे बुद्धों ने, संतों ने, म्हान्पुर्शो ने किया है ?

क्या है प्रेम में ऐसा जो हमें इसकी ओर खींचता है ?

आज जानते है कि असल प्रेम और झूठा प्रेम क्या है – और प्रेम में एसा क्या है जो हर इंसान, पशु, पक्षी हर जीव इस प्रेम की गेहेराइओ में डूबना चाहता है |

माँ बाप का बच्चो प्रति प्रेम, भाई भेहन का प्रेम, पति पत्नी का प्रेम, एक दोस्त का दुसरे दोस्त से प्रेम , लडके लडकी का प्रेम, एक इन्सान का उसके पालतू जिव जन्तुओ से प्रेम, कुदरत की बनाई हर वस्तुओ से प्रेम, और न जाने प्रेम के कितने रंग है जो में क्या कोई बयाँ नहीं क्र सकता यह एक गहरी खाई के जेसे है जितना अन्दर जायेंगे उतनी गहरी होती जाएगी|

हमने सब झूठी चीज़ों को प्रेम का नाम दे दिया है।
मुझे तुमसे एक आकर्षण हो गया क्योंकि मेरी एक ख़ास उम्र है और तुम्हारी भी एक ख़ास उम्र है, और इस उम्र में शरीर की ग्रंथियाँ सक्रिय हो जाती हैं। सीधे-सीधे ये एक शारीरिक आकर्षण है, यौन आकर्षण है।

मैं इसको क्या नाम दे देता हूँ?

मैं बोल दूंगा कि ये प्रेम है। क्या ये प्रेम है?

पर नाम हम इसे प्रेम का ही देंगे। अभी बीता था वैलेंटाइन्स डे। तो प्रेम है।
प्रेम है क्या? क्या वास्तव में प्रेम है?

जवानी का जोश एक उम्र होती है जब हर लड़का-लड़की इस प्रेम जाल में एक बार तो जरुर फसते है चाहे वह कितना ही कियो न कहें की मैं इस चक्कर में पड़ने वाला नहीं पर जाने अनजाने वह किसी ना किसी से प्रेम कर ही बैठते हैं कुछ तो अपने चाहने वाले को बता देते है और कुछ सारी उम्र अपने प्रेम का इजहार नहीं कर पाते अपने दिल की बात किसी से शेयर नहीं कर पते अन्दर ही अन्दर सारी उम्र कल्पते रहते है जब उसका प्रेमी या प्रेमिका किसी और के साथ शादी के बंदन में बंद जाते है, और कुछ लोग अपनी हवस में अंधे होकर प्रेम के नाम पर ऐसे गलत कदम उठा जाते है जिसे उन्हें पूरी उम्र पछतावा रहता है – असल में वह नहीं जानते की उन्हें प्रेम नहीं था वह सिर्फ अपनी भूख मिटाना चाहते थे और वह कानूनन अपराधी बन अपने नाम पर कलंक लगा लेते है जिसकी भ्रपाइए सिर्फ उसे नहीं पुरे परिवार को जेलनी पड़ती है |

अगर ये प्रेम है तो यही प्रेम आठ की उम्र में क्यों नहीं हुआ? इसलिए नहीं हुआ क्योंकि तुम्हारी ग्रंथियाँ ही सक्रिय नहीं थीं, तब तुम्हारी ये शारीरिक ग्रंथियाँ सक्रिय नहीं थीं, यौन ग्रंथियाँ। अब सक्रिय हैं।

दोस्तों इस लेख में आज आप जानेगे की आप सचमे किसी से प्रेम करते है या ये आपकी किसी तरह की कमी को पूर्ति करने की ज़िद है जिसे आप पूरा करना चाहते है किसी भी हाल में ?

सबसे पहले हमे यह जानना बहुत जरूरी है की हमारा प्रेम वास्तव में है क्या ?

प्यार वह अवस्था जहाँ सारे विचार, सारी इच्छाए सिमट कर एक बिंदु पर केंद्रित हो जाये। अपने पराये का भेद मिट जाए, सिर्फ और सिर्फ खो जाने की चाहत रह जाए। 

जब प्रेम सफल होता है, तो जीवन सार बन जाता है। जब प्रेम सफल होता है, जीवन एक सार्थक, कृतार्थता और धन्यता में परिणित हो जाता है।

प्रेम कोई व्यवसाय नही, कोई लेन देन नही, सिर्फ समर्पण है, एक दूजे में खो जाना है। वहीं अहंकार एक दूरी बनाए रखने में विश्वास रखता है, अहंकार क्षुद्र कर देता है, सिकोड़ देता है, बहुत छोटा बना देता है।

प्रेम वह है जब हम किसी की प्रसन्नता स्वयं से भी ज्यादा चाहते है।

प्रेम देखभाल करना है ।

प्रेम पूर्ण निःस्वार्थता है।

प्रेम माँ- पिता है।

प्रेम अहिंसा है।

प्रेम दयालुता है।

प्रेम देना है, सहायता करना है।

प्रेम सम्मान करना है।

प्रेम ही जीवन है।

प्रेम ही परमेश्वर है।

प्रेम एक भावना है , एहसास है।

जिसके पास होने से पूरे दिन की थकान आप भूल जाए |
जिसकी गोदी में सर रखने मात्र से मन हल्का हो जाए |
सुबह उठते ही आप की आंखे जिसका दीदार करना चाहे |
लाख कोशिशों के बाद भी जिसे भूला न पाए |
कोशिश करने के बाद भी जिससे नफरत न कर पाए |
इस जवाब को पढ़ने के दौरान आपके मन में जिस चेहरें का ख्याल आए वही है आपका सच्चा प्यार, आपकी जिंदगी है|
फिर चाहे कोई भी हो मां ,पिता ,भाई ,बहन ,जीवनसाथी, दोस्त|

अगले लेख में आप जानेगे आपके मन में छुपे हर सवालों का जवाब जो आप हमारे ब्लॉग से प्राप्त कर सकते है, मुझे उम्मीद है आपको हमारे में उन सवालों का जवाब जरुर मिलेगा जिन्हें आप खोज रहे है मेरी पूरी कोशिश रहेगी आपको अच्छी जानकारी सरल भाषा में पंहुचा सकू, यदि आपने मेरा ब्लॉग अभी तक सबस्क्राइब नहीं किया तो अभी सबस्क्राइब करे आपको हमारे ब्लॉग की नई पोस्ट का नोटिफिकेशन आपको अपनी इमेल में मिल जायेगा यह लेख अभी ख़तम नहीं हुआ है अगले लेख में जल्द ही मिलेगे

  • सच्चा प्रेम क्या हैं?
  • प्रेम का चरमोत्कर्ष क्या है?
  • क्या प्रेम किया जाता है या फिर प्रेम हो जाता है?
  • प्रेम और मित्रता में क्या अंतर है?

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सच्चा प्रेम क्या हैं?

सच्चा प्यार एक अनुभव है जो अनिवार्य रूप से शांति, समझदारी, सम्मान, और समर्पण के साथ जुड़ा होता है। एक व्यक्ति जो सच्चे दिल से किसी से प्यार करता है, उसे दूसरे व्यक्ति के साथ संबंध बनाने में उसे खुशी मिलती है। वे अपने साथी को समझते हैं और उन्हें उनकी जरूरतों के बारे में समझने की कोशिश करते हैं। सच्चा प्यार दो लोगों के बीच एक गहरा बंधन होता है, जो उन्हें एक दूसरे के साथ जुड़े होने का अनुभव कराता है।

सच्चा प्यार एक जगह से नहीं आता है, बल्कि उसे दो लोगों के बीच एक स्वयंसेवक गुण के रूप में विकसित किया जाता है। यह एक गहरा अनुभव होता है, जो दोनों लोगों के बीच अंतरंग तौर पर जुड़ा हुआ होता है। सच्चा प्यार समझदारी, सम्मान, समर्पण और विश्वास के बुनियादी तत्वों पर आधारित होता है। दो लोगों के बीच संबंध बनाते समय, सच्चा प्यार एक अटूट बंधन का निर्माण करता है, जो एक दूसरे को

समझने में मदद करता है और एक दूसरे की समस्याओं के समाधान के लिए साथ दौड़ने में मदद करता है।

सच्चा प्यार बेहद खुशी और संतोष देता है। एक संबंध जब सम्मान, सहयोग, समझदारी और समर्पण के बुनियादी सिद्धांतों पर आधारित होता है, तो यह दोनों व्यक्तियों के बीच एक सुखद और खुशी भरा संबंध निर्मित करता है। सच्चा प्यार दो व्यक्तियों के बीच एक आदर्श संबंध होता है, जो संकटों और चुनौतियों का सामना करते समय एक दूसरे का साथ देता है।

सच्चा प्यार जब होता है, तो व्यक्ति अपने साथी के लिए हर संभव प्रयास करता है। वे अपने साथी के सपनों और महत्वपूर्ण मुद्दों के समर्थन में खड़े होते हैं और उन्हें उनकी जरूरतों के लिए आशीर्वाद और सहयोग प्रदान करते हैं। सच्चा प्यार दो लोगों के बीच एक संबंध होता है, जो समझदारी, समर्पण और सहयोग के आधार पर आधारित होता है।

सच्चा प्यार एक अनुभव होता है जो दो व्यक्तियों के बीच संदेह और विश्वास के बीच उत्पन्न होता है। इसमें कोई रूठना और माफी मांगना नहीं होता है, क्योंकि सच्चा प्यार एक समझदारी और समर्पण के बुनियादी सिद्धांतों पर आधारित होता है।

जब दो व्यक्ति एक दूसरे से सच्चा प्यार करते हैं, तो उनके बीच कोई दूरी नहीं होती है। वे हमेशा एक दूसरे के साथ होते हैं, चाहे जो भी हो जाए। सच्चा प्यार जीवन के सभी पहलुओं को आनंदमय बनाता है।

सच्चा प्यार दो व्यक्तियों के बीच एक विशेष बंध होता है, जो वे अपने बाकी जीवन में नहीं भूलते हैं। यह एक आदर्श रिश्ता होता है, जो समझदारी और समर्पण के बाद आता है। जब दो लोग सच्चा प्यार करते हैं, तो उनके बीच उन्हें नियमित रूप से खुशी और संतुष्टि मिलती है।

इसलिए, सच्चा प्यार दो लोगों के बीच एक खास रिश्ता होता है जो उन्हें जीवन भर के लिए साथ रखता है। यह एक अनुभव है जो संदेहों और विश्वास के बीच उत्पन्न होता है और अंततः समर्पण और विश्वास की जीत होती है। सच्चा प्यार जब आपके जीवन में आता है, तो आपको अनुभव करना चाहिए क्योंकि यह आपके जीवन का सबसे खूबसूरत अनुभव हो सकता है।

अधिकतर लोगों के लिए प्यार एक भावना होती है जो उन्हें संतुष्टि और खुशी देती है। यह एक अहसास होता है जो आपको अनुभव करने के लिए दूसरे व्यक्ति की आवश्यकता होती है। इसीलिए, सच्चा प्यार उस भावना का नाम है जो आपको खुशी देती है और आपके जीवन को आनंदमय बनाती है।

सच्चा प्यार एक दूसरे के साथ समर्पण, समझदारी, सम्मान, और विश्वास के बीच बनता है। इसमें कोई शर्त नहीं होती है और ना ही किसी प्रकार का अपेक्षा होता है। यह एक अहसास होता है जो सीमाओं और मर्यादाओं से आगे बढ़ता है।

सच्चा प्यार आपको दूसरे व्यक्ति के संग समझ, धैर्य, सहनशीलता, और समर्पण का अनुभव कराता है। इससे आपको एक नई दृष्टिकोण मिलता है

प्रेम की सीमा क्या है?

प्रेम की अगर कोई सीमा होती, तो वह प्रेम नहीं “सीमित आकर्षण” कहलाता। 🙂

सीमाएँ सिर्फ शरीर और मन की होती हैं।

वह प्रेम ही नहीं जिसमें सीमा हो…. वह स्वार्थ हैं 

प्रेम की सीमा अनन्त है उसका कोई छोर नही है ।यह एक अहसास सा है जिसे सिर्फ महसूस किया जा सकता हैं। जिसमे हमें सिर्फ और सिर्फ देना है वो भी निस्वार्थ भाव से ।

प्रेम तो वह रोग होता है।

किसी पराए को भी अपना बना ले

प्रेम

प्रेम सीमा से परे है अथाह सागर है अन्नत है जिसका कोई छोर नहीं वो ब्रह्माण्ड है

प्रेम

मुहब्बत की कोई हद नहीं होती, जो हद में रहे वो मुहब्बत नहीं होती।

इस प्रश्न का उत्तर ढूँढ रहा था वो है

” माँ “

बस यह एक शब्द ही काफ़ी है प्रेम की अनंत सीमा को परिभाषित करने के लिए ।

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