Gulaab – Love Shayari on Rose

Gulaab – Love Shayari on Rose

चेहरा आपका खिला रहे गुलाब की तरह

नाम आपका रोशन रहे आफताब की तरह

ग़म में भी आप हँसते रहे फूलों की तरह

अगर हम इस दुनिया में न रहें आज की तरह

तेरी आवाज ने दीवाना कर दिया है अब तो चमेली में भी गुलाब नज़र आता है

किस कद्र बियां करूं तेरी तारीफ के कुछ शब्द ए मेरी गुलाब नहीं गुलिस्तान ए हसीना हो

तू क्या रूठी मुझसे सारे बगीचे के गुलाब मुरझा गये

तरी खुशबु के दीवाने हैं लाग सारे , अपनी ख़ुशी के लिए तुझे तोड़ते हैं

ए कली हम न तोड़ेंगे तुझे तेरे वजूद से मेरी मोहब्बत तेरा ए दुख न सह पायेगी

हम तो तुमे तब भी प्यार करेंगे जब तुम मुरझा जायोगे

Khirda Gulaab Ohde Mukh Jeha Jadon Baag Ch,

Soorat Akhaan Saave Aa Jandi Dhundli Jehi Yaad Ch, Gum Hoge Haase, Rosse, Shikve, Mazaak Oh,
Jehde Asi Rakhe Nahi C Kise V Hisaab Ch,
Tod Geya Dam Oh V Sadeyan Pyaaran Wang,
VICKY Mileya Gulaab Sukka, Kal Novi Di Kitaab Ch…

कुछ सोचु तो तेरा ही ख्याल आता हैं

कुछ बोलू तो तेरा नाम आता हैं

कब तक मैं छुपाऊँ अपने दिल की बात

तेरी हर एक अदा पे हमे प्यार आता हैं |
I LOVE YOU


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