फ़िक्र तो तेरी आज भी करते है

फ़िक्र तो तेरी आज भी करते है


फ़िक्र तो तेरी आज भी करते है…
बस जिक्र करने का हक नही रहा…
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इक़ दर्द छुपा हो सीने में तो मुस्कान अधूरी लगती है,
जाने क्यों बिन तेरे,मुझको हर शाम अधूरी लगती है..

फ़िक्र HIndi shayari

फ़िक्र तो तेरी आज भी करते है

तुमसे ऐसा भी क्या रिश्ता हे?
दर्द कोई भी हो.. याद तेरी ही आती हे।

काग़ज़ पे तो अदालत चलती है..
हमने तो तेरी आँखो के फैसले मंजूर किये।

सिखा दिया दुनिया ने मुझे अपनो पर भी शक करना
मेरी फितरत में तो गैरों पर भी भरोसा करना था..!!

फ़िक्र तो तेरी आज भी करते है

हाल तो पूछ लू तेरा पर डरता हूँ आवाज़ से तेरी,
ज़ब ज़ब सुनी है कमबख्त मोहब्बत ही हुई है।

निगाहों से भी चोट लगती है.. जनाब..
जब कोई देख कर भी अन्देखा कर देता है..!!

खुद भी रोता है, मुझे भी रुला के जाता है..
ये बारिश का मौसम, उसकी याद दिला के जाता हैं।

आईना आज फिर रिशवत लेता पकडा गया,
दिल में दर्द था ओर चेहरा हंसता हुआ पकडा गया

वो दुआएं काश मैने दीवारों से मांगी होती,
ऐ खुदा.. सुना है कि उनके तो कान होते है!!

इश्क है या इबादत.. अब कुछ समझ नहीं आता,
एक खुबसूरत ख्याल हो तुम जो दिल से नहीं जाता.

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Shayari in hindi

फ़िक्र तो तेरी आज भी करते है

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